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अनुशासनात्मक नियम

  • लगातार बिना सूचना के 3 दिन अनुपसिथत रहने पर छात्र का नाम विधालय से पृथक कर दिया जायेगा।
  • विधालय के समस्त नियमों, उपनियमों का पालन करना जैसे - वेश, व्यवस्था सम्बन्धी दायित्व, निजी आचरण, अन्य अव्यवहारिक तथा विधालय के वातावरण को दूषित करने वाला व्यवहार न करना और विधालय की वस्तु को क्षति न पहुँचाने आदि अनुशासन की दृषिट से छात्र के जीवन का अनिवार्य अंग होना चाहिए। ऐसा न करने पर छात्र को विधालय से पृथक किया जायेगा।
  • प्रत्येक छात्र की विधालय उपसिथति प्रत्येक मासिक परीक्षा में 90 प्रतिशत होनी आवश्यक है। 90 प्रतिशत से कम की उपस्तिथि में छात्र को अन्य शेष परीक्षाओं से बहिष्कृत किया जा सकता है।
  • छात्र के अनुपस्तिथ रहने पर अवकाश का प्रार्थना पत्र एक दिवस पूर्व प्रधानाचार्य से स्वीकृत होकर कक्षाचार्य के पास पहुँचाना चाहिए। अन्यथा छात्र को अनुपस्तिथ कर दिया जायेगा।
  • किसी भी अभिभावक को अभिभावक दिवस के अतिरिक्त अन्य दिवसों में किसी भी आचार्य से कक्षा में सीधे सम्पर्क नहीं करना चाहिए, अपितु प्रधानाचार्य से मिलकर ही आगे की व्यवस्था एवं समाधान करना चाहिए।
  • बोर्ड परीक्षार्थी (कक्षा दशम एवं द्वादश) को विधालय द्वारा आयोजित सभी साप्ताहिक, मासिक एवं अर्द्धवार्षिक व पूर्व अनुमानित परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना तथा सम्पूर्ण शिक्षण दिवसों में आना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर छात्र-छात्रा को बोर्ड परीक्षा देने से रोका जा सकता है।
  • विधालय में आयोजित सभी कार्यक्रमों में छात्र की उपसिथति अनिवार्य है। अन्यथा छात्र पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है।
  • बिना पूर्व अनुमति गृह शिक्षण (टयूशन) पढ़ने पर छात्र पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है।
  • शुल्क समय से जमा न होने पर छात्र का नाम विधलाय से पृथक हो जायेगा।